माइग्रेन एक विशेष तरह का सिरदर्द है। आम सिरदर्द और माइग्रेन में अंतर होता है मगर अक्सर होने वाले सिरदर्द को लोग माइग्रेन ही मान लेते हैं। माइग्रेन एक तरह की न्यूरोलॉजिकल स्थिति होती है जिसमें सिरदर्द के अलावा भी कई लक्षण नजर आते हैं। इसमें रह-रह कर सिर में एक तरफ बहुत ही चुभन भरा दर्द होता है। ये कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रहता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक, जी मिचलाने, उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। माइग्रेन का दर्द आम सिरदर्द से ज्यादा तेज होता है और ये सिरदर्द के मुकाबले ज्यादा गंभीर परेशानी है। आमतौर पर माइग्रेन का दर्द आधे सिर में ही महसूस होता है। इसके अलावा चक्कर आना और कमजोरी भी माइग्रेन के लक्षण हो सकते हैं।
माइग्रेन समान्य सिर दर्द से काफी अलग होता है। इसमे जो दर्द होता है वो काफी तेज होता है, और कभी-कभी बर्दाशत से बाहर हो जाता है।माइग्रेन लोगों को कैसे प्रभावित करता है यह भी अलग-अलग हो सकता है। ये ट्रिगर, गंभीरता, लक्षण और फ्रीक़ुएन्सी की एक श्रृंखला है। कुछ लोगों के हर हफ्ते एक से ज्यादा बार ये होते हैं, जबकि अन्य को कभी-कभार ही होते हैं। बच्चों में, माइग्रेन अटैक कम समय के होते हैं और पेट के लक्षण अधिक प्रमुख होते हैं।वैश्विक अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया की लगभग 1% आबादी को क्रोनिक माइग्रेन हो सकता है।
माइग्रेन के कारण ( Migraine Causes )
माइग्रेन सिरदर्द के पीछे रक्तवाहिनियों का बड़ा होना और नर्व फाइबर्स की ओर से केमिकल का स्राव करने के संयुक्त कारण उत्तरदायी होते हैा। सिरदर्द के दौरान, खोपड़ी के बिलकुल नीचे स्थित धमनी बड़ी हो जाती है। इसकी वजह से एक केमिकल का स्राव होने लगता है, जो जलन, दर्द और रक्तवाहिनी को और चौड़ा करने का काम करता है।
जेनेटिक और पर्यावरणीय कारक की माइग्रेन में भूमिका हो सकती है। माइग्रेन ट्राईगेमिनल नर्व में न्यूरोकेमिकल के बदलाव और मस्तिष्क के रसायनों में असंतुलन, खासकर सेरोटोनिन के कारण आरंभ होता है। माइग्रेन के समय सेरोटोनिन का स्तर संभवतः कम हो जाता है, जो ट्राइजेमिनल सिस्टम को न्यूरोपेप्टाइड का स्राव करने के लिए प्रेरित करता है। न्यूरोपेप्टाइड मस्तिष्क के बाह्य आवरण(मेनिंन्जेज) तक पहुंचकर सिरदर्द उत्पन्न करता है।
माइग्रेन कई कारणों से आपको अपना शिकार बना सकता है। इनमें ये कारण प्रमुख हैं।
- हर समय चिंता करना
- ज्यादा तनाव लेना
- पर्याप्त पानी न पीना
- महिलाओं में हार्मोनल बदलावों के कारण
- बहुत धीमी या बहुत तेज रोशनी में अक्सर रहने के कारण
- तेज आवाज में रहने के कारण हो सकता है माइग्रेन
- तेज खुश्बू भी हो सकती है वजह
- दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण
- बहुत ज्यादा सोने के कारण
- जरूरत से कम सोने के कारण
- वातावरण में अचानक परिवर्तन के कारण
- बहुत ज्यादा शारीरिक मेहनत के कारण
- कैफीन वाले पदार्थों का ज्यादा सेवन करने से
- नाश्ता और खाना छोड़ देने से
- सिरदर्द की दवाएं बिना चिकित्सक की सलाह के लेने से
- एल्कोहल, तंबाकू, धूम्रपान, चॉकलेट आदि का ज्यादा सेवन करने से

माइग्रेन के लक्षण ( Symptoms of Migraine )
आमतौर पर हम सबको कभी-न-कभी सिरदर्द की शिकायत होती है। ऐसे में कैसे पहचाना जाए कि यह साधारण सिरदर्द है या माइग्रेन के कारण होने वाला सिरदर्द? माइग्रेन के कारण होने वाले सिरदर्द की पहचान ‘ऑरा’ से होती है। ‘ऑरा’ दृष्टि संबंधी परेशानी यानी विजुअल डिस्टर्बेंस हैं, जिसमें मरीज को रुक-रुककर चमकीली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखाई देती हैं, आंखों के सामने काले धब्बे दिखाई देते हैं, स्किन में चुभन होती है और कमजोरी महसूस होती है। आंखों के नीचे काले घेरे होना, गुस्सा, चिड़चिड़ापन सिर के एक ही हिस्से में दर्द होना आदि लक्षण होते हैं।
माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें रह-रहकर सिर में एक तरफ बहुत ही चुभन भरा दर्द होता है। यह दर्द कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रहता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक, मितली, उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा माइग्रेन में रोशनी, तेज आवाज से परेशानी महसूस होती है। इनमें से कोई एक या ज्यादा लक्षणों को पहचानकर माइग्रेन का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि यही लक्षण किसी दूसरी बीमारी के भी हो सकते हैं।
- साधारण या तीव्र दर्द, जो सिर के एक या दोनों ओर हो सकता है
- फड़कने जैसा दर्द
- शारीरिक श्रम करने से दर्द बढ जाना
- दर्द दैनिक क्रियाओं में अवरोध पैदा कर सकता है
- जी मिचलाना, जिससे उल्टी भी हो सकती है
- आवाज और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
- माइग्रेन आपका पाचन खराब कर सकता है।
- कुछ लोगों में माइग्रेन के दौरान ब्लड प्रेशर लो हो जाता है।
- इसका दर्द 4 से 72 घंटों तक रह सकता है।
- कुछ लोगों को महीने में कई बार सिरदर्द हो सकता है, जबकि अन्य लोगों को इससे कम होता है।
माइग्रेन के प्रकार ( Types of Migraine )
क्लासिकल माइग्रेन
क्लासिकल माइग्रेन बहुत से चेतावनी भरे लक्षणों को दर्शाता है। शायद आपको सिरदर्द से पहले धुंधला दिखे। अगर आपको क्लासिकल माइग्रेन है तो इस अवस्था में आपकी रक्त वाहिनियां सिकुड़ने लगेंगी। इस अवस्था में रक्त वाहिनियां बड़ी हो जाती हैं इसलिए क्लासिकल माइग्रेन के लिए दवाएं लेना ज़रूरी होता है।
नॉन क्लासिकल माइग्रेन
नॉन क्लासिकल माइग्रेन में समय समय पर बहुत तेज़ सिरदर्द होता है, लेकिन इसमें किसी और तरह के लक्षण नज़र नहीं दिखते। ऐसी स्थिति में सिरदर्द की शुरूवात के साथ ही दवा ले लेनी चाहिए।