स्ट्रोक दो प्रकार का होता है. पहला ब्लड क्लॉट स्ट्रोक और दूसरा होता है ब्रेन हैमरेज. स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों में सिर में काफी तेज दर्द होता है. मरीज सही प्रकार से बोल नहीं पाता. उसकी जुबान लड़खड़ाने लगती है. शरीर सुन्न होने लगता है
देश में हर साल 18 लाख लोग ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) का शिकार होते हैं. लगभग 30 फीसदी लोगों की इससे मौत हो जाती है. जानकारी का अभाव और अस्पताल में पहुंचने से हुई देरी स्ट्रोक से होने वाली मौतों का एक बड़ा कारण होते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि शरीर में स्ट्रोक के लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज़ की जरूरत होती है. इसके लिए जरूरी है कि लोग इस बीमारी के बारे में जागरूक रहें.
ब्रेन स्ट्रोक के कारण- Causes of Brain
1. डायबिटीज के कारण
अगर किसी को डायबिटीज है तो, इसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज कंट्रोल मेंरहने का मतलब है हाई ब्लड शुगर जो कि ब्लड वेसेल्स और दूसरे अंगों को भी प्रभावित करती है और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाती है।
2. हाई बीपी
हाई बीपी के मरीजों को सबसे ज्यादा स्ट्रोक का खतरा होता है। दरअसल, हाई बीपी में धमनियों का नुकसान होता है और कई बार ब्लड वेसेल्स फट सकते हैं या इनसे लीकेज हो सकता है जो कि ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए अपनी बीपी को हमेशा 140/90 से नीचे ही रखें।
3. हाई कोलेस्ट्रॉल
हाई कोलेस्ट्रॉल और लिपिड का बढ़ा हुआ स्तर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करने का काम करता है। इनके कारण ब्लड वेसेल्स में प्लॉक जमा हो जाते हैं और इस वजह से धमनियों में एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा बढ़ता है। इससे ब्लड वेसेल्स मोटे या सख्त हो जाते हैं और ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करते हैं। ऐसे में ये स्थिति ज्यादा बढ़ने पर भी ब्रेन स्ट्रोक होता है।
4. दिल के रोगियों में
ब्रेन स्ट्रोक का खतरा दिल के रोगियों में ज्यादा होता है। दरअसल, दिल के रोगियों में दवाओं की कमी या फिर दूसरी लापरवाहियों से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि दिन आपके ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ा हुआ है और इसका किसी भी कारण से प्रभावित होना पूरे शरीर को प्रभावित करता है।
5. मोटापा
मोटापा सीधे तौर पर तो नहीं पर दूसरे तरीकों से ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है। ये शरीर में डायबिटीज और दिल की बीमारियों का कारण बनता है जो कि आगे चल कर ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए मोटापा कंट्रोल करना बेहद जरूरी है।
6. स्मोकिंग
स्मोकिंग आपके शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। ये पहले तो बीपी बढ़ाता है और फिर इस्केमिक स्ट्रोक के जोखिम को लगभग दोगुना कर देता है।
7. गर्भनिरोधक गोलियां या गैरकानूनी दवाइयां
इस्केमिक स्ट्रोक के पीछे एक बड़ा कारण गर्भनिरोधक गोलियां और गैरकानूनी दवाइयां हो सकती हैं। खास कर कि नए उम्र के लोगों में। दरअसल, ये दवाइयां अंदर ही अंदर शरीर को नुकसान पहुंचा रही होती हैं, जिससे दिल की बीमारियां, ब्लड वेलेस्ल के नुकसान और अंत में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
8. स्ट्रेस
स्ट्रेस बीपी बढ़ाता है, नींद की कमी से जुड़ा हुआ है, मोटापा बढ़ाता है और दिल की बीमारियों का भी कारण बनता है। ये तमाम चीजें ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।
9. खराब लाइफस्टाइल और आपकी उम्र
नौजवानों में आज कल खराब लाइफस्टाइल एक चलन बन गया है। लेकिन कम उम्र में तो ये आपको प्रभावित नहीं करती लेकिन 35 की उम्र के बाद ये दूसरी बीमारियों का कारण बनती है और फिर ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को पैदा करती है।
10. नो एक्सरसाइज
एक्सराइज ना करना कई बीमारियों को बुलावा देती है। जी हां, एक्सरसाइज ना करने से आप मोटापा, बीपी और शुगर जैसी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। यही आगे चक कर ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।

स्ट्रोक के लक्षण-Brain Stroke Symptoms
डॉ. सौरभ शर्मा की मानें तो, स्ट्रोक की प्रक्रिया को FAST से समझा जा सकता है
फेस (F): मुंह तिरछा हो जाना।
आर्म (A): अचानक से एक या दोनों हाथों का बेजान हो जाना।
स्पीच (S): जुबान लड़खड़ाने लगना या पूरी तरह से आवाज चली जाना।
टाइम (T): ऐसा हो तो एंबुलेंस बुलाकर तुरंत पास पहुंचे और तुरंत सीटी स्कैन करवाएं
स्ट्रोक से बचने के तरीके-How to prevent brain stroke
डॉ. सौरभ शर्मा की मानें तो, स्ट्रोक से बचने के तरीके बेहद आसान हैं। जैसे कि
-ब्लड प्रेशर (बीपी) कंट्रोल रखें और इसकी नियमित रूप से जांच करवाएं।
-डायबिटीज कंट्रोल करें और स्ट्रेस ना लें।
-धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन करने से बचें।
-कॉलेस्ट्रॉल कम करें।
– सप्ताह में 5 दिन करीब 30 मिनट वर्कआउट जरूर करें।