अर्थराइटिस (Arthritis) क्या होता है?
अर्थराइटिस ( गठिया ) एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियों के जोड़ों में सूजन आ जाती है। इसे आम भाषा में गठिया रोग भी कहते हैं। वैसे तो यह बीमारी किसी को भी हो सकती है परंतु पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अर्थराइटिस की समस्या ज्यादा देखी जाती है।
भारत में लगभग १८ करोड़ लोग आर्थराइटिस की बीमारी से प्रभावित होते हैं। २०१९ के ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरीज़ एंड रिस्क फैक्टर के स्टडी के अनुसार सिर्फ घुटनों के आर्थराइटिस ६.२ करोड़ लोग प्रभावित हैं।
अर्थराइटिस के प्रकार
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक आर्थराइटिस के १०० से भी अधिक प्रकार हो सकते हैं। हालांकि इनमे से कुछ प्रकार ही अधिकतर जनसंख्या में देखने को मिलता है। आर्थराइटिस के कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
- ओस्टियोआर्थराइटिस: यह बीमारी घुटनों को प्रभावित करती है। रोगी के घुटनों के जोड़ों में सूजन और दर्द रहता है जिसकी वजह से उसे चलने फिरने में काफी परेशानी होती है।
- सेप्टिक अर्थराइटिस: यह आर्थराइटिस तब उत्पन्न होती है जब जोड़ों के साफ्ट बैक्टीरिया के कारण संक्रमण हो जाता है।
- रूमेटाइड अर्थराइटिस: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमे प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों के ऊतकों को नष्ट करने लगती है। इस कारण जोड़ों में दर्द होता है।
- जुवेनाइल अर्थराइटिस: अर्थराइटिस का यह प्रकार आमतौर पर बच्चों को होता है जिसकी वजह से बच्चों के जोड़ों में दर्द होता है।
- गाउट: यह एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति के शरीर के अंदर यूरिक एसिड बढ़ जाता है जिसकी वजह से जोड़ों में सूजन और दर्द रहता है विशेषकर पैर के अंगूठे में।
अर्थराइटिस के लक्षण
जोड़ों में दर्द होने से गठिया रोग की पहचान नही की जा सकती है। जोड़ों में सिर्फ दर्द होना आर्थ्राल्जिया का संकेत होता है लेकिन जोड़ों में सूजन के कारण दर्द रहना आर्थराइटिस का लक्षण होता है। आर्थराइटिस के कुछ मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- जोड़ों में दर्द के साथ-साथ लालिमा, गर्मी और सूजन होना
- जोड़ों में जलन रहना
- हाथों और पैरों को हिलाते समय जोड़ों में हल्का या तेज दर्द होना
- वजन का घटना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- घुटनों को मोड़ने में असहनीय दर्द होना
अर्थराइटिस के कारण
आर्थराइटिस के होने के कई कारण हो सकते हैं। चोट लगने से, जोड़ों में इन्फेक्शन होने से और कुछ अन्य कारणों से आर्थराइटिस देखा जा सकता है। गठिया होने के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- उम्र: अधिक उम्र होने पर शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है जिससे हड्डियां कमजकर होने लगती हैं और जोड़ों में दर्द होता है। वृद्धावस्था ( ६० साल की उम्र या इससे अधिक) में गठिया होने की संभावना अधिक रहती है।
- अनुवांशिक: पीढ़ियों से आर्थराइटिस की समस्या रही है तो आने वाली पीढ़ियों में भी यह समस्या देखी जा सकती है।
- मोटापे के कारण: मोटापे की वजह से भी शरीर के जोड़ कमजोर हो जाते हैं जिसकी वजह से वो शरीर के वजन को संभाल नहीं पाते। ऐसी स्थिति अर्थराइटिस रोग की शुरुआत कर सकती है।
- चोट लगने: किसी दुर्घटना या खेल – कूद में आई चोट के कारण आर्थराइटिस विकसित होने की संभावना रहती है।
- ऑटोइम्यून डिसऑर्डर: जब प्रतिरक्षा प्रणाली खुद ही शरीर के ऊतकों पर हमला करके उन्हें नष्ट करने लगती है तो जोड़ों में दर्द रहने लगता है।
- मांसपेशी में कमजोरी: पोषक तत्वों या अन्य कारणों से मांसपेशी में कमजोरी आने पर जोड़ों में भी दर्द हो सकता है जो आर्थराइटिस का मुख्य लक्षण है।