ब्रेन ट्यूमर आपके मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं का एक द्रव्यमान या वृद्धि होती है। कई अलग-अलग प्रकार के ब्रेन ट्यूमर मौजूद हैं। कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर रहित (सौम्य) होते हैं, और कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त (घातक) होते हैं। ब्रेन ट्यूमर आपके मस्तिष्क (प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर) में शुरू हो सकता है, या कैंसर आपके शरीर के अन्य भागों में शुरू हो सकता है और आपके मस्तिष्क (माध्यमिक, या मेटास्टेटिक, ब्रेन ट्यूमर) में फैल सकता है। ब्रेन ट्यूमर के उपचार के विकल्प आपके ब्रेन ट्यूमर के प्रकार, साथ ही उसके आकार और स्थान पर निर्भर करते हैं।
आपके मस्तिष्क को आवरण में रखने वाली खोपड़ी बेहद ही कठोर होती है. इस तरह के सीमित स्थान के भीतर कोई भी असामान्य कोशकीय विकास समस्याएं पैदा कर सकता है. ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त (गंभीर) या गैर-कैंसरयुक्त(सौम्य) हो सकता है. जब बिनाइन या घातक ट्यूमर बढ़ने लगते हैं, तो इससे मस्तिष्क के अंदर प्रेशर बढ़ सकता है. यह स्थिति मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है. ब्रेन ट्यूमर को प्राथमिक या माध्यमिक श्रेणी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर आपके मस्तिष्क में उत्पन्न होता है. कई प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर सौम्य होते हैं. वहीं माध्यमिक ब्रेन ट्यूमर, जिसे मेटास्टैटिक मस्तिष्क ट्यूमर के रूप में भी जाना जाता है, यह तब होता है जब कैंसर की कोशिकाएं आपके मस्तिष्क में फेफड़ों या स्तन जैसे किसी अन्य प्रभावित अंग से फैल जाती है.
ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते है-
1.नाॅन कैंसरियस(कैंसर संबंधी) ब्रेन ट्यूमर- यह कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है और ट्रीटमेंट होने के बाद दोबारा होने की जोखिम कम हो जाती है.
2.कैंसरयुक्त ब्रेन ट्यूमर- यह ब्रेन में प्राइमरी ट्यूमर के रूप में शुरू होता हैं और धीरे-धीरे ब्रेन के अन्य हिस्सों में (सेकेंडरी ट्यूमर) के रूप में फैल जाता है. इसका दोबारा होने का जोखिम ट्रीटमेंट करवाने के बाद भी रहता हैं.
कैसे होता है ब्रेन ट्यूमर?
ब्रेन ट्यूमर कई कारणों से हो सकता है. ऐसे में ये जानना भी महत्वपूर्ण है कि ब्रेन ट्यूमर की शुरूआत कैसे होती है. जाहीर है कि ब्रेन, हमारे शरीर के सबसे महत्व पूर्ण हिस्सों मे से एक है. इसलिए हमारी थोड़ी सी लापरवाही भी हमारे ब्रेन के लिए खतरे का कारण बन सकती हैं. अतः हम लोगों को ब्रेन ट्यूमर या फिर इसी तरह की किसी दिमागी बीमारी के के लक्षणों के नजर आते ही इसके उपचार की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए. ब्रेन कोशिकाओं से बना होता है और इन कोशिकाओं की देखभाल अत्यंत आवश्यक है उतना ही जरूरी है दिमाग को आराम देना.
ब्रेन ट्यूमर होने के कई कारण हैं. ब्रेन ट्यूमर आमतौर पर किसी गंभीर बीमारी के कारण होता है तो कई बार आपकी लापरवाही से ब्रेन की कोशिकाएं नष्ट होने लगता है. एक सामान्य व्यक्ति में लगभग 100,000,000,000 ब्रेन सेल्स पाए जाते हैं. हालांकि ये अत्यधिक मात्रा में होते हैं लेकिन यदि हम इसका नित्य ध्यान ना रखें तो इसका नुकसान ब्रेन सेल्स को भी हो सकता है. यदि आपका ब्रेन ठीक से काम ना करे या फिर उसके सेल्स नष्ट होने लगे तो आप किसी अन्य गंभीर बीमारियाँ से भी पीड़ित हो सकते हैं. इससे आपके काम करने की गति भी धीमी हो सकती है. एक सर्वे के अनुसार, भारत में लगभग 50 मिलियन लोग अपनी लावरवाही के कारण नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं.
ब्रेन ट्यूमर की शुरूआत-
ब्रेन ट्यूमर होने का मतलब है कि आपके ब्रेन में ट्यूमर निरंतर बढ़ रहा है. ट्यूमर का मतलब है की ब्रेन में बहुत सारी कोशिकाओं अनियंत्रित होना शुरू हो जाता है. ऐसे में कोशिकाओं का नियंत्रण लगातार बिगड़ता रहता है और कोशिकाओं का बटवारा असमान्य रूप से दिमाग में होता रहता है जो ब्रेन सेल्स को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं. ब्रेन में अनियंत्रित सेल्स ब्रेन सेल्स के आसपास तेजी से फैलती है जो बाद में कैंसर का रूप धारण करती रहती हैं. जिसे सर्जरी प्रक्रिया द्वारा हटाना भी मुश्किल होता है. कैंसर का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन ब्रेन ट्यूमर कई तरह का पाया गया है. इनमें से सबसे खतरनाक ब्रेन ट्यूमर ग्लिसयोमास देखा गया है. रिसर्च में ऐसा देखा गया है कि ब्रेन ट्यूमर के जीन जेनेटिक होते हैं. यदि आपके घर में माता-पिता में से किसी एक को भी ब्रेन ट्यूमर है तो आपके ऊपर भी होने का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि ये सेल्स जेनेटिक्स आमतौर पर आपके जीन में मौजूद नहीं होते है, लेकिन कुछ डुप्लीकेट जींस या असामान्य कोशिकाएं जरूर मौजूद रहती हैं. जो कि ब्रेन ट्यूमर की शुरूआत में जिम्मेदार हो सकती है.
ब्रेन ट्यूमर को रोकने के उपाय-
1.नींद पूरी लें.
2. तनाव से दूर रहें.
3. नशा, एल्कोहल इत्यादि ड्रग्स ना लें.
4.नियमित रूप से व्या्याम करें.
5.पौष्टिक और संतुलित आहार लें.
6.जंकफूड से दूर रहें.
7. पानी अधिक मात्रा में लें.
8.अधिक से अधिक सक्रिय रहें